Bassi ka Babu – Doosra Dashak
बस्सी का बाबू”बाबूलाल उम्र 19 साल बस्सी ब्लॉक के गांव माधोगढ गांव का रहने वाला, रंग सांवला रेगर समुदाय से ताअल्लुक रखता है। पिता श्री किशनलाल घर की 19 बकरियां है जिनको चराने का काम करते है। माता श्रीमती मोता देवी घर के काम-काज के साथ-साथ मजदूरी भी करती है ताकि परिवार को मदद कर सकें। बाबूलाल के 5 भाई व 1 बहन है। इनमें से 2 भाईयों की शादी हो गई। 4 भतीजे-भतिजियों सहित परिवार में कुल 12 सदस्य है। बाबूलाल अपने पिता की 5 वें नंबर की संतान है। वह एक भरे-पूरे संयुक्त परिवार में रहता है।दूसरा दशक के साथ बाबूलाल – सर्वप्रथम बाबूलाल साल 2018 में जीवन कौशल शिक्षा प्रशिक्षण से जुड़ा तब तक वह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा आयोजित दसवीं की परीक्षा में दो बार फेल व तीसरी बार भी गणित व विज्ञान विषय में ’सप्लीमेंट्री’ आ चुका था। बाबूलाल को इखवेलो से जोड़कर राज. ओपन बोर्ड परीक्षा के तहत् कक्षा 10 वीं की तैयारी करवाई गईं। पारिवारिक हालात ठीक नहीं होने पर भी माता-पिता को मोटिवेट करके उसका दसवीं का फॉर्म भरवाया गया। इखवेलो से जुडकर उसने जमकर तैयारी की। और उसने 56 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं उत्तीर्ण की। दूसरा दशक के साथियों और बाबूलाल के लिए यह बड़ी उपलब्धि थी।बदलता बाबू – बाबूलाल के इखवेलो से सतत् जुड़ाव होने से उसके मन में बैठा डर व झिझक भी दूर हुई। गांव के माहौल को देखते हुए जातिगत भेदभाव को खुद के नजरिए से दूर किया ही साथ दोस्तों व परिवार में संवाद करने लगा। वर्तमान में बाबूलाल राज. ओपन बोर्ड से कक्षा 12 की तैयारी कर रहा है। पढ़ने के साथ-साथ शादी ब्याह में वैटर व हलवाई का काम करने भी जाता है। घर वालों की आर्थिक रुप से भी मदद करता है।बाबूलाल इखवेलो की गतिविधियाों व युवामंच की बैठकों में निरन्तर भाग लेता है। वह कहता है उसे लोगों की मदद करना अच्छा लगता है। मौहल्ले-पडोस की महिला व पुरूष बाजार से सामान मंगवाने हेतु हमेशा उसे खोजते रहते है। उसके दिखते ही बुलाने के लिए आवाज आने लगती। उसने अपने गांव के 8 किशोर/किशोरियों को ओपन बोर्ड परीक्षा के फॉर्म भरवाने में भी सहयोग किया है। बाबूलाल ने बताया कि मुझे संयुक्त परिवार में रहना बहुत अच्छा लगता है। संयुक्त परिवार में प्यार, प्रेम, सहयोग, मदद की भावना, खुशियां बहुत मिलती है।मेरे रोल मॉडल श्री मनमोहन डिगवाल जी है, वे भारतीय रेलवे में टेक्नीकल पोस्ट पर काम करते है। गांव के लोग उनको  सम्मान की दृष्टि से देखते है। मनमोहन जी गांव आते है तब सबको पढाई करके आगे बढ़ने नौकरी करने के लिए समझाते है। गरीब लोगों की भी मदद भी करते है। बाबूलाल का सपना है कि वह भी विद्युत या रेलवे विभाग में मनमोहन भाई की तरह अवश्य नौकरी करे । अपने पैरों पर खडा होने के बाद ही शादी करुंगा।
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